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बांध का नाम >राज्य का नाम > नदी का नाम

*बांध का नाम >>>>>> राज्य का नाम >>> नदी का नाम*

 *निजाम सागर बांध* 
 आंध्र प्रदेश ===> मंजिरा नदी
 *सोमासिला बांध* 
आंध्र प्रदेश ===> पेन्नार नदी
 *प्रकाशम बैराज* 
 आंध्र प्रदेश ===> कृष्णा नदी
 *श्रीशैलम बांध* 
 आंध्र प्रदेश ===> कृष्णा नदी
 *रामागुंडम बांध* 
 आंध्र प्रदेश ===> गोदावरी नदी
 *श्रीराम सागर जलाशय* आंध्र प्रदेश ===> गोदावरी नदी
 *इडुक्की बांध*
 केरल ===> पेरियार नदी
 *कुंडला बांध* 
केरल ===> परम्बिकुलम नदी
 *कोयना बांध* 
महाराष्ट्र ===> कोयना नदी
 *मनेर बांध* 
महाराष्ट्र ===> मनेर नदी
 *इंद्रावती बांध* 
 उड़ीसा ===> इंद्रावती नदी
 *हीराकुंड बांध* 
 उड़ीसा ===> महानंदी नदी
 *वैगई बांध* 
 तमिलनाडु ===> वैगई नदी
 *चित्तर जलाशय* 
 तमिलनाडु ===> चित्तर नदी
 *पेरियार जलाशय* 
 तमिलनाडु ===> पेरियार नदी
 *स्टेनली जलाशय*
 तमिलनाडु ===> कावेरी नदी
 *मेत्तूर बांध* 
 तमिलनाडु ===> कावेरी नदी
 *रिहंद परियोजना*
 उत्तर प्रदेश ===> रिहंद नदी और सोन नदी
 *टिहरी बांध* 
उत्तराखंड ===> भागीरथी नदी
 *पंडोह डैम*
 हिमाचल प्रदेश ===> ब्यास नदी
 *भाखड़ा नांगल बांध* हिमाचल प्रदेश ===> सतलुज नदी
 *नाथपा बांध* 
 हिमाचल प्रदेश ===> सतलुज नदी
 *चमेरा बांध* 
हिमाचल प्रदेश ===> रावी नदी
 *गोविंद सागर जलाशय* हिमाचल प्रदेश ===> सतलुज नदी
 *सलाल परियोजना*  जम्मू-कश्मीर ===> चिनाब नदी
 *बगलिहार बांध* जम्मू-कश्मीर ===> चिनाब नदी
 *उरी पनबिजली बांध* 
 जम्मू-कश्मीर ===> झेलम नदी
 *मैथन डैम* 
 झारखंड ===> बराकर नदी
 *चांडिल डैम* 
झारखंड ===> सुवर्णरेखा नदी
 *पंचेत डैम* 
 झारखंड ===> दामोदर नदी
 *तुंगा भद्रा बांध* 
 कर्नाटक ===> तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों
 *अल्माटी बांध* 
 कर्नाटक ===> कृष्णा नदी
 *सुपा बांध* 
कर्नाटक ===> काली नदी
 *कृष्णराजसागर बांध* 
 कर्नाटक ===> कावेरी नदी
 *नारायणपुर बांध* 
 कर्नाटक ===> कृष्णा नदी
 *राजघाट बांध* 
 मध्य प्रदेश ===> बेतवा नदी
 *बारना बांध* 
 मध्य प्रदेश ===> बारना नदी
 *इंदिरा सागर परियोजना* मध्य प्रदेश ===> नर्मदा नदी
 *नर्मदा बांध परियोजना* 
मध्य प्रदेश ===> नर्मदा नदी
 *बरगी बांध* 
 मध्य प्रदेश ===> नर्मदा नदी
 *बाणसागर परियोजना* 
मध्य प्रदेश ===> सोन नदी
 *गांधी सागर बांध* 
मध्य प्रदेश ===> चंबल नदी
*तवा जलाशय* 
 मध्य प्रदेश ===> तवा नदी

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तापमान को प्रभावित करने वाले कारक – FACTORS AFFECTING TEMPERATURE

  आज हम तापमान (temperature) को प्रभावित करने वाले कारकों (factors) की चर्चा करेंगे. किसी क्षेत्र का तापमान क्यों अधिक और क्यों कम होता है, इस बात को हम इस आर्टिकल के द्वारा समझने की कोशिश करेंगे. यदि किसी क्षेत्र का तापमान अधिक है तो इसका साफ़ मतलब होता है कि वहाँ बहने वाली वायु गर्म है. इसलिए क्यों न हम ये जानें कि वायु का तापक्रम किन चीजों से प्रभावित होता है? पृथ्वी के विभिन्न भागों में वायु के तापक्रम पर प्रभाव डालने वाली प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं  – अक्षांश (Latitude) पृथ्वी की उभरी हुई गोलाई के कारण उस पर सभी जगह एक-सी सूर्य की किरणें नहीं पड़तीं. कहीं वे सीधी पड़ती हैं और कहीं तिरछी. सीधी किरणों की अपेक्षा तिरछी किरणें अधिक क्षेत्र में फैलती हैं, फलतः उनसे पृथ्वी पर कम गर्मी उत्पन्न होती है और उसके सम्पर्क में आने वाली वायु कम गर्म हो पाती है. इस चित्र में विषुवतीय (Equator) रेखा पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ रही हैं और ध्रुवों पर तिरछी. ध्रुवों के पास अपेक्षाकृत अधिक क्षेत्र में किरणें फैलती हैं. साथ ही, विषुवत् रेखा (equator) पर सूर्य की किरणों को वायुमंडल का कम भाग...

पूर्वोत्तर (शीतकालीन) मानसून क्या है? NORTHEAST MONSOON IN HINDI

  पूर्वोत्तर मानसून   (northeast monsoon) अर्थात् शीतकालीन मानसून पिछले दिनों समाप्त हुआ. इस बार कुल मिलाकर इस समय औसत से अधिक वृष्टिपात हुआ. एक बड़ी विरल घटना यह हुई कि जिस दिन  दक्षिण-पश्चिम का मानसून  समाप्त हुआ, उसी दिन शीतकालीन मानसून चालू हुआ. पूर्वोत्तर (शीतकालीन) मानसून क्या है? उत्तर भारत के लोग इस मानसून के बारे में कम जानते हैं. परन्तु यह मानसून भारतीय उपमहाद्वीप की जलवायु प्रणाली का उतना ही स्थायी अंग है जितना कि ग्रीष्मकालीन अर्थात् दक्षिण-पश्चिम मानसून. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department – IMD) के अनुसार पूर्वोत्तर मानसून  अक्टूबर से दिसम्बर  तक चलता है. इस अवधि में तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ भागों में वृष्टिपात होता है. पूर्वोत्तर और दक्षिण-पश्चिम मानसून में अंतर जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि पूर्वोत्तर मानसून की दिशा पूर्वोत्तर से दक्षिण-पश्चिम होती है. उसी प्रकार दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा इसके ठीक उल्टी अर्थात् दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर होती है. पूर्वोत्तर मानसून कब आता ...

वर्षा के TYPES, REASONS, MEASUREMENT और DISTRIBUTION

  वर्षा (Rain) के लिए दो बातों का होना अत्यंत आवश्यक है – वायु में पर्याप्त   जलवाष्प   का होना और ऐसे साधन का होना जिससे वाष्पयुक्त वायु ठंडी होकर घनीभूत (condensate) हो सके. आज हम वर्षा के विषय विस्तृत जानकारी (information) आपको देने वाले हैं. आज हम इस लेख में पढेंगे कि वर्षा कैसे होती है, इसके कितने प्रकार (types) हैं, इसे कैसे मापा (measure) जाता है और इसका वितरण (distribution) विश्व में कहाँ-कहाँ किस प्रकार है आदि. वाष्प से युक्त वायु निम्नलिखित प्रकार से ठंडी हो सकती है – गर्म वायु का हल्की होकर ऊपर उठना और ऊपर जाकर फ़ैल जाना. गर्म वायु का ऊँचे पर्वतों के संपर्क में आकर उनके ऊपर चढ़ना और ऊँचाई पर जाकर हिमाच्छादित भाग के संपर्क में ठंडा होना. गर्म वायु का ठन्डे अक्षांशों की ओर बढ़ना. गर्म वायु का ठंडी वायु या ठंडी जलधारा के संपर्क में आने से ठंडा हो जाना. वर्षा के प्रकार (TYPES OF RAIN) पृथ्वी पर होने वाली वर्षा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है – वाहनिक (Convectional Rain) पर्वतीय वर्षा (Relief Rain) चक्रवातीय वर्षा (Cyclonic Rain) वाहनिक वर्षा वाहनिक वर्षा (Convectio...